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सिटी बेल काव्य कट्टा

मायभवानी


मायभवानी  तवचरणी 
  वाहते भावफुलांची रास
   सेवा घडो मज निरंतर 
  इतकीच मनीची  आस  

   संसारी या रमुनी गेले 
   नाही  धरला तव संग 
 घे जवळी मज मायभवानी 
 लाभू दे सतत तुझा संग 

 पतित मी होण्या पावन 
भक्ती  नवविधेतील एक 
एकाग्र  मनाने गाईन स्तवन 
 मी दीन तूझा पामर एक 

 ध्यास लागला  निरंतर 
  नामी होऊ दे ग दंग
  श्वास… निश्वास माझा
 लाभू दे सदैव तूझाच संग

  शक्ती, भक्तीची, मुक्तीची
  तु स्फुर्ती  देवता मनीची 
  तुझीच शाश्वत वाणी 
  अखंड  घुमू  दे कानी 

   प्रपंच, परमार्थी गाईन तूझी गाणी
  माझ्या जीवन सुखाची हीच खाणी..||
   
    वर्षा मेहेदर्गे, नवीन पनवेल

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