श्री गणेश ऋषिपंचमी ओवी
सरे श्रावणची मास | लागे गणेशाची आस |
भाद्रपद चतुर्थीस | गणनायका स्वागत ||
दुर्वा जास्वंदी मोहक | नैवेद्यासाठी मोदक |
तबक सजले सुबक | प्राणप्रतिष्ठा मूर्तीत ||
भाद्रपद पंचमीस | मांडू आठ सुपाऱ्यांस |
पुजू अरुंधती सप्तर्षींस | होते अशौच क्षालन ||
काश्यप, भारद्वाज ज्येष्ठ | विश्वामित्र, जमदग्नि कोपिष्ठ |
अत्रि, गौतम, वसिष्ठ | सप्त ऋषी सर्वश्रेष्ठ |घालू साष्टांग दंडवत|
आहे सांगणे ऋषिंचे | नको बैलांच्या कष्टांचे |
खाऊ स्वकष्टार्जिताचे | फळ, भाज्या, धान्य, कंद ||
करू ऋषिंचे स्मरण | ऋषिवचनी मनन |
ऋषिंपंचमी चिंतन | होते सफल जीवन ||
दीड दिवसही झाला | बाप्पा चालला घराला |
विसर्जनाच्या क्षणाला | कंठ दाटूनिया आला ||
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सौ. स्वाती लेले, नवीन पनवेल








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